भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक,उज्जैन के महाकाल वर्षों से हिन्दू आस्था का केंद्र रहे हैं।
लेकिन एक समय ऐसा भी था जब महाकाल को बिना किसी पूजा पाठ के,पुरे 550 वर्षों तक कुँए में रहना पड़ा था।
बात साल 1235 की है,जब उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था।
आक्रमण के दौर में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में स्थित स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को आक्रांताओं से सुरक्षित बचाने के लिए,करीब 550 वर्षों तक पास में ही बने एक कुएं में रखा गया था।
मंदिर टूटने के बाद करीब 550 वर्षों से अधिक समय तक,महाकाल का मंदिर ऐसी ही अवस्था में रहा
और ध्वस्त मंदिर में ही महाकाल की पूजा आराधना की जाती थी।